कभी हादसे
कभी इम्तेहाँ ,
एक उम्र यूँ ही गुज़र गयी I
मैं सुनाऊँ
क्या किसे दास्ताँ ,
क्या खुशी
मिली क्यों उजड़ गई I
एक राह पर थी वह हम
सफर ,
एक राह पर थी वह राहवर I
मैंने ज़िंदगी
जिसके नाम की ,
वह थी
बेवफा वह बिछड़ गई I
कभी हादसे कभी …………
एक उम्र यूँ
ही ………….
उसके प्यार में
था मैं बेखबर ,
इस हक़ीक़त
पर था मैं बे असर I
यह है खेल
न की यह प्यार है ,
करके वादे
सारे मुकर गई I
कभी हादसे
कभी …………
एक उम्र यूँ ही …………
मेरी तिशनगी
भी मिसाल है ,
पी लूँ दरिया मेरा ख्याल है
I
वह थी
बूँद जो कि न मिल सकी ,
यही सब्र कर के गुज़र गयी I
कभी हादसे कभी …………
एक
उम्र यूँ ही ………….
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