Thursday 15 September 2016


मेरे मन की उदास बस्ती पर,
गहरे बादल सा छा गया होता I
        कोई जीवन में आ गया होता,
        कोई एक गीत गा गया होता I
मैं भी प्रेमी हूँ प्रेम का प्यासा,
प्रेम कर यह पा गया होता I
        कोई जीवन में आ ………..
        कोई एक गीत गा …………
मेरी साँसों की जलती ज्वाला मैं,
काश कुछ ठण्ड ला गया होता I
        कोई जीवन में आ ……………
        कोई एक गीत गा …………….
जब भी आहट हुई तो यह सोचा,
काश सच मुच वह आ गया होता I
        कोई जीवन में आ …………….
        कोई एक गीत गा ………………
कट ही जाती यह ज़िंदगी सारी,
यदि कोई दर्द ला गया होता I
        कोई जीवन में आ …………..
        कोई एक गीत गा …………

Monday 5 September 2016

 
तू  आफताब  है   तेरा   जल्वा  है  निराला ,           (Ghazal  continue)
पर्दा  यह  उठाने में यूँ   जल्दी  नहीं  करते I
       हर  एक  तबस्सुम  में क्या तूफ़ान छिपा है ,
       तदबीर  जानने  में  यूँ  जल्दी  नहीं  करते I
कुछ तो ठहर जा आँख के आँसू तो पोंछ लूँ ,
आग़ाज़ ए मुहब्बत है यूँ जल्दी नहीं करते I

Thursday 1 September 2016


यह  अब्र ए ज़िन्दगी है थोड़ा वक़्त तो लेगा ,
बारिश की दुआओ  में यूँ जल्दी नहीं करते I
तिनके  समेट  कर   यह   बनाए   हैं  घरोंदे ,
बसने  में  ज़िन्दगी  की यूँ जल्दी नहीं करते I

कुछ तो ठहर जा आँख के आँसू तो पोंछ लूँ ,
आग़ाज़ ए मुहब्बत है यूँ  जल्दी नहीं  करते I
आज़माइश इस  तरह की मेरी ठीक नहीं है ,
ज़ख्मों  को  लगाने  में  यूँ जल्दी नहीं करते I
baynam shayar