उदासिओं क़े समुद्र में ,
डूबा हुआ यह मानव ,
थका थका पागल पथिक सा ,
जीवन की कठोर राहों पर ,
निराश होकर भी ,
संघर्ष कर रहा है I
इस पीढ़ी से ,
लड़ रहा है ,
जी रहा है ऐसे
जैसे यह जीवन ,
उसका नहीं
किसी और का है I
चीख २ कर कहनाचाहता हो,
जी लेने दो मुझे ,
पल दो पल ,
किसी और के लिए I