आसमां, चाँद, ज़मी तुझ को सलामी देंगे,
तू परिन्दों की तरह प्यार में उड़ कर तो देख.
यह ज़माना भी बिखर जाएगा ज़र्रा- ज़र्रा,
तू भी सच्चाई से इस प्यार में अढ़ कर तो देख.
गिरते आँसू ही मुहब्बत की गवाही देंगे,
जाने वाले तू ज़रा प्यार से मुड़कर तो देख.
लज़्ज़त -ए- ग़म भी बढ़ जाएगी तन्हाई में,
तू भी मेरी ही तरह प्यार में पढ़ कर तो देख.