हर एक शाम सितारों को याद क्या करना ,
हर एक पथ पर सहारों को याद क्या करना I
यह एक डूबते सूरज की तरह है जीवन ,
किसी के तीखे प्रहारों को याद क्या करना I
हर एक दिशा मेरी मँझदार में फसी नैया ,
डूबते वक़्त किनारों को याद क्या करना I
वसंत आयी गई छोड़कर सूखे पत्ते ,
गुज़रती रूत में बहारों को याद क्या करना I
जो मेरा स्वप्न था भरने का मांग में सिन्दूर,
सिमटते ऐसे विचारों को याद क्या करना I
भुला दिया तुम्हे अब स्वयं का गीत, संगीत ,
तुम्हारे बीणा के तारों को याद क्या करना I
समुद्र प्यार का सूखा हुआ हूँ बैरागी ,
सहमी बूंदों के इशारों को याद क्या करना I
जो बो गए मेरे जीवन में प्रेम के कांटे ,
कि ऐसे तेरे इशारों को याद क्या करना I
जो ले गए मेरे ह्रदय से प्रेम की डोली ,
बेरहम ऐसे कहारों को याद क्या करना I
हर एक शाम सितारों को याद क्या करना ,
हर एक पथ पर सहारों को याद क्या करना I