Sunday 23 August 2015


आप  नज़रें मिलाते हो क्यूं ?
और फिर मुस्कुराते हो क्यूं ?
                      आप खुआबों में आकर मेरे ,
                      मेरी  नींदें उड़ाते  हो क्यूं ?
चाँदनी की तरह फैलकर ,
चाँद को भी लजाते हो क्यूं ?
                     आप नज़रें मिलाते हो क्यूं ?
                     और फिर मुस्कुराते हो क्यूं ?
बादलों सी घनी ज़ुल्फ़ों से ,
बिजलिओंको गिरते हो क्यूं ?
                      खुशबुओं की तरह फैलकर ,
                      फूलों का मुंह चिड़ाते हो क्यूं ?
आप नज़रें मिलाते हो क्यूं ?
और फिर मुस्कुराते हो क्यूं ?
                      क़तरे क़तरे में  बिखरे हो जो ,
                      उनको साग़र बनाते हो क्यूं ?
जिन की खवाहिश है चाहत तेरी ,
उनका दामन जलाते हो क्यूं ?
                      आप नज़रें मिलाते हो क्यूं ?
                      और फिर मुस्कुराते हो क्यूं ?

Monday 17 August 2015


वफ़ाएं  इस  क़दर मिलती रही हैं इस ज़माने में ,
कोई  दामन  जलाता  है  कोई  दामन बचाता है I
      मैं  क्यूँ  शिकवा करूँ  दीवानगी  हद पर बैठा  हूँ ,
      सज़ाएं दिल को भाती हैं जो कोई दिल दुखाता है I
यह हाथों की लकीरें भी सिमट जाती हैं  मुठ्ठी मेँ ,
हर एक आकर हंसाता है वही पल पल रुलाता है I
      ए दरिया नाज़ ना कर अपने बहने पर तू क्या जाने ,
      मेरा  भी  हाल  ऐसा  है  यह  हर  आंसू  बताता है I
यह खामोशी, यह तन्हाई, यह रुस्वाई अमानत है ,
उसी  की जो की चुपके से मेरे ख्वाबो मेँ आता है I
     चलो  सब  भूल  जाते हैं वह लम्हे दर्द  के हमदम ,
     यह आशिक़ फिर से गर्दन को तेरे आगे झुकाता है I



Sunday 9 August 2015


यह जो लम्हे हैं वह सदिओं मेँ बदल बैठे हैं ,
यह जो आंसू हैं वह नदिओं मेँ बदल बैठे हैं I
      साज़ सब थम गए शहनाई के जानेजाना  ,
      राज़  सब बन गए रुस्वाई के मैंने माना ,
प्यार जिन से था वह सब ग़ायब हैं ए  दोस्त ,
रंग  पक्के   थे   अब    शायद   हैं  ए  दोस्त ,
      वक़्त करबट बदल गया है अब शायद ,
      दोस्त दुश्मन सा बन  गया अब शायद ,
मेरे हमदम तुझे क़सम है मेरी ,
अपने दामन को बचा ले मुझसे ,
      जल  ना  जाए  तू  मेरे  साथ  कहीं ,
      जल  ना  जाए  तू  मेरे  साथ  कहीं I

Saturday 8 August 2015


मैं  अधूरा  हूँ   तू   पूरा  कर   दे,
प्यार कुछ इस तरह से तू कर ले .
       नींद  उड़  जाए  चैन   छिन  जाए ,
       रंग  कुछ  इस  तरह  से  तू  भर  दे .
ज़िन्दगी जब तेरी अमानत   है ,
चाहे  जैसा  तू  दर्द  से  भर  दे .
       मेरे  आंसू , खुशी  का  हर  लम्हा ,
       सब   तेरे   हैं  तू   चाहे   जो  कर  दे .
तेरी  खुशियां  मेरी  अमानत  हैं ,
मेरा  दामन  खुशी  से  तू  भर  दे .
       हर   खुआइश तुझ ही  पर ख़त्म मेरी .
       अपने  हर  खुआब   में   मुझे  भर  ले .