यह जो लम्हे हैं वह सदिओं मेँ बदल बैठे हैं ,
यह जो आंसू हैं वह नदिओं मेँ बदल बैठे हैं Iसाज़ सब थम गए शहनाई के जानेजाना ,
राज़ सब बन गए रुस्वाई के मैंने माना ,
प्यार जिन से था वह सब ग़ायब हैं ए दोस्त ,
रंग पक्के थे अब शायद हैं ए दोस्त ,
वक़्त करबट बदल गया है अब शायद ,
दोस्त दुश्मन सा बन गया अब शायद ,
मेरे हमदम तुझे क़सम है मेरी ,
अपने दामन को बचा ले मुझसे ,
जल ना जाए तू मेरे साथ कहीं ,
जल ना जाए तू मेरे साथ कहीं I
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