Thursday 4 February 2016


Hi friends....
मैं तेरा एतबार करता हूँ ,
तू है बस जिस से प्यार करता हूँ I
तेरी परछाइयाँ भी प्यारी हैं ,
धूप का इंतज़ार करता हूँ I
लोग कलियों को सिर्फ चाहते हैं ,
मैं हूँ काँटों से प्यार करता हूँ I
लोग ज़ख्मों को खा के रोते हैं ,
मैं खुशी का इज़हार करता हूँ I
रातें गुज़री हैं सारी यादों में ,
दिन में भी इंतज़ार करता हूँ I

" बेनाम शायर "