Friday 2 January 2015

उदास रातों के मंज़र मुझे सताएंगे ...




उदास   रातों   के   मंज़र    मुझे   सताएंगे ,
ख़ुदा के  वास्ते  तन्हाईओं  की बात न  कर I
          किसी  की  आँखों  के साग़र  मुझे बुलाएंगे ,
          ख़ुदा के वास्ते गहराईओं  की बात  न  कर I
          उदास   रातों   के   मंज़र ………………
          ख़ुदा के  वास्ते  तन्हाईओं ………………
किसी  की  ज़ुल्फ़ के  साए  भी  याद आएंगे ,
ख़ुदा  के वास्ते  परछाइओं  की बात  न कर I
उदास   रातों   के   मंज़र ………………..
ख़ुदा के  वास्ते  तन्हाईओं ……………….
          छलक न  जाएं  कहीं  आँख  से  मेरे  आंसू ,
          ख़ुदा के वास्ते शहनाइओं  की  बात न  कर I
          उदास   रातों   के   मंज़र ………………..
          ख़ुदा के  वास्ते  तन्हाईओं ……………….
उभर न जाएं कहीं अनदिखे वह नक्श ए सितम ,
ख़ुदा  के  वास्ते  अंगड़ाईओं  की  बात  न  कर I
उदास   रातों   के   मंज़र ………………….
ख़ुदा के  वास्ते  तन्हाईओं …………………

                           







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