कांटे भी आज मेरा दामन छोड़ने लगे हैं I
जुआलाएँ बुझी जा रहीं हैं आंसुओं से आज ,
यादों के गीत मुझसे नाता तोड़ने लगे हैं I
आशा के दीप साँसे अपनी ……………….
कांटे भी आज मेरा दामन ………………..
तितली से उड़ा करते थे आँगन मैं मेरे जो ,
वह आज मुझे देखकर मुहं मोड़ने लगे हैं I
आशा के दीप साँसे अपनी …………….
कांटे भी आज मेरा दामन ……………..
सौगंध खाया करते थे जीने की साथ साथ ,
औरों के साथ रिश्ते नाते जोड़ने लगे हैं I
आशा के दीप साँसे अपनी ………………
कांटे भी आज मेरा दामन ………………
ए दोस्तों अपने सभी अरमान मिटा लो ,
कष्टों की चादर हम तो रोज़ ओढ़ने लगे हैं I
आशा के दीप साँसे अपनी ……………..
कांटे भी आज मेरा दामन ………………
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