Sunday 15 February 2015


चंद  लम्हात   गुज़र  जाएं  तेरे  दामन  को  थामकर ,
इसी अरमान को लेकर ज़िन्दगी क्या थी क्या करली ?
           दोस्त सुन लेगा दिल की बात ज़माने से क्या लेना ,
           नहीं मालूम था कि कमसिन से मैने दोस्ती कर ली I
चंद  लम्हात   गुज़र  जाएं  तेरे  दामन ………..
इसी अरमान को लेकर ज़िन्दगी क्या  ………..
           यूं तो  मायूसियां,  तन्हाइयां  सब कुछ दिया तुमने ,
          सह गए हंस के जब  तो क्यूं ग़ैर से दोस्ती कर ली ?
चंद  लम्हात   गुज़र  जाएं  तेरे  दामन ………..
इसी अरमान को लेकर ज़िन्दगी क्या  …………
           इश्क हो जाएगा रुसबा छलक जाएंगे गर आंसू ,
           दर्द  के  क़हक़हों  में  ज़ब्त ने खुदकशी कर ली I
चंद  लम्हात   गुज़र  जाएं  तेरे  दामन …………
इसी अरमान को लेकर ज़िन्दगी क्या  ………….

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