तुम्हारे रूप की एक झलक ,
आंसुओं को सुखा सकती है I
कोमल शरीर की यह महक ,
सूखे फूलों को खिला सकती है I
वह जो दीवाने तेरे नाम के हैं ,
उनके सपनो को सजा सकती है I
तेरी मूरत को बना बैठे जो ,
उन बेचारों को हंसा सकती है I
वह जो दम तोड़ने से लगते हैं ,
उनको जीना भी सिखा सकती है I
वसंत और पतझड़ में क्या अंतर ,
उनको यह बात बता सकती है I
देख यह सब है प्रार्थना तुमसे ,
स्वप्न में भी न मेरे आना तुम I
तुम्हारे रूप की यही झलक ,
मुझको दीवाना बना सकती है I
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