आँखों में ख़ुशी चेहरा खिला फूल की तरह ,
रोने का मज़ा दिल में लिए घूमते हैं हम I
क्यूं बाँट दें हम अपनी उस तन्हाई का मंज़र ,
जो रात के साए में लिए घूमते हैं हम I
आँखों में ख़ुशी चेहरा खिला ……………….
रोने का मज़ा दिल में लिए ……………….
एक प्यास जो पीकर न बुझी एक समंदर ,
अब ओस की बूंदों को पिए घूमते हैं हम I
आँखों में ख़ुशी चेहरा खिला ……………..
रोने का मज़ा दिल में लिए ……………..
हर ज़ुल्मो सितम दर्द का दरिया बना दवा ,
बस याद तेरी दिल में लिए घूमते हैं हम I
आँखों में ख़ुशी चेहरा खिला ……………..
रोने का मज़ा दिल में लिए ……………..
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