आतिश था मैं तो लोग परेशान हो गए,
आखिर मेँ मेरे अपने ही अनजान हो गए I
बेवजह मुस्कुराया था आहिस्ता इस तरह,
उठते सभी सवाल खुद आसान हो गए I
आहट कहीं जो दूर से आई खनक के साथ,
ज़िंदा सभी दबे हुए अरमान हो गए I
बस आशना हूँ आपसे कुछ इस तरह से मैं,
अनजाने में ही मौत के सामन हो गए I
खामोश तेरी यादों में तड़पा हूँ तन्हा मैं,
आगोश में तेरी देख सब हैरान हो गए I
आतिश था मैं तो लोग परेशान हो गए,
आखिर मेँ मेरे अपने ही अनजान हो गए I
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